सरस्वती बनी सरस्वती

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सरस्वती बनी सरस्वती

टोनी आलम, एएनएम न्यूज: पिता पेशे से गैस मैकेनिक हैं, मां गृहिणी हैं, चूल्हे पर लकड़ी जलाकर खाना बनाती हैं और बेहद गरीबी में जीवन यापन करती हैं। दुर्गापुर के 29 नंबर वार्ड अंतर्गत देशबंधु नगर कॉलोनी की सरस्वती रजक के जीवन की यही कहानी है। प्राथमिक शिक्षा की शुरुआत स्थानीय बाल शिक्षा केंद्र से हुई। दूसरे चरण में उन्होंने राजकीय हाई स्कूल और फिर रानीगंज के त्रिवेणी देवी बलोटिया कॉलेज में विज्ञान के साथ अध्ययन किया। इसी बीच इलाज के अभाव में सरस्वती ने अपनी दादी की मौत देखीं, फिर उसकी ज़िन्दगी की लड़ाई शुरू हो गई। उसने डॉक्टर बनने की जिद की। इसके लिए उसने नेट परीक्षा दिया। नेट परीक्षा 2022 में फिर उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIMS) में जगह मिली। अब उनका लक्ष्य डॉक्टर बनकर गरीबों की सेवा करना है। सरस्वती की मां मीना रजक को अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। वह चाहती हैं कि प्रशासन उनकी बेटी के साथ खड़ी हो, सरस्वती की इस सफलता पर पड़ोसियों का भी कहना है कि यह असली सरस्वती जैसी है। सरस्वती का कुछ लोगों ने मुंह मीठा किया। सभी चाहते हैं कि सरस्वती डॉक्टर बनकर क्षेत्र के गरीब लोगों की सेवा करें।