स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हिंदू धर्म में शनि की कुदृष्टि काफी कष्टकारी मानी जाती है। इस पीड़ा से बचने के लिए शास्त्रों में कई तरह के उपाय भी बताए गए हैं। इन्हीं में एक उपाय सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने भी बताया है। वही उपाय आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
भविष्य पुराण के आधार पर, ब्रह्माजी ने मुनि पिप्पलाद को ग्रहों की पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए व्रत, भोग, हवन, नमस्कार आदि करने की सलाह दी थी। शनि की पीड़ा दूर करने के लिए उन्होंने कहा कि शनिवार को खुद शरीर पर तेल लगाकर ब्राह्मणों को भी तेल दान करना चाहिए।
लोहे के पात्र में तेल भरकर उसमें शनि की लोहे की प्रतिमा बनाकर एक वर्ष तक हर शनिवार को उसका पूजन करना चाहिए। इसके बाद काले फूल, काले कपड़ों, तिल, कसार, भात आदि से उनका पूजन करना चाहिए। फिर काली गाय, काला कंबल, तिल का तेल और दक्षिणा सहित सारे पदार्थ ब्राह्मण को प्रदान करने चाहिए।