स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को अति प्रिय कार्तिक माह 10 अक्टूबर से शुरू हो चुका है। इसी महीने में दिवाली, गोवर्धन पूजा और भाई दूज जैसे बड़े त्योहार आते हैं। कहा जाता है कि तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है। ऐसे में अगर जो जातक कार्तिक माह में पूरे श्रद्धा भाव से तुलसी का पूजन करते हैं, उन पर लक्ष्मी-नारायण की जमकर कृपा बरसती है। आइए जानते हैं कि तुलसी पूजन का नियम।
वायु पुराण के मुताबिक, रात में कभी भी तुलसी की पत्तियां नहीं तोड़नी चाहिए। इसके साथ ही पूर्णिमा, अमावस्या, द्वादशी, रविवार और संक्रान्ति के दिन भी तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ा जाना चाहिए। इस कार्तिक मास में अगर किसी की मृत्यु हो गई हो या किसी बच्चे का जन्म हुआ तो उस दिन भी तुलसी के पत्ते नही तोड़ने चाहिए।
स्नान के बिना न करें तुलसी की पूजा: इस बात का विशेष ध्यान रखें कि बिना स्नान किए कभी भी तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए और न ही पूजा की जानी चाहिए। ऐसा करने से आपकी पूजा निष्फल हो जाती है। कार्तिक माह तुलसी की विधि विधान से सेवा करता है, उसे अपना आशीर्वाद देने के लिए माता लक्ष्मी उसके घर में निवास करने के लिए पहुंचती हैं।