टोनी आलम, एएनएम न्यूज: पांडवेश्वर विधानसभा के शिरसा गांव के करीब 15 परिवार भुधसान के डर से अस्थाई शिविरों में रहने को मजबूर हैं। शिरसा गांव में पिछले आठ दिन पहले कई घरों में दरारें देखी गई थीं और उस दरार का कारण ग्रामीणों ने बताया कि घर में दरार ईसीएल के कोयला निकालने के लिए हुए विस्फोट के कारण हुई थी। वे पिछले 8 दिनों से एक अस्थायी शिविर में रह रहे हैं। इन दिनों ईसीएल द्वारा उन्हें दैनिक भोजन भेजा जा रहा था। लेकिन कैंप में रहने वाली एक महिला ने बताया कि वह भी कल से बंद है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें ईसीएल की तरफ से सूखे चावल, दाल, आलू और तेल भेजा गया है लेकिन ईंधन की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ईंधन नहीं है तो खाना कैसे बनाएं। शिविर में रहने वाले लोगों ने कहा कि ईसीएल अधिकारियों को तत्काल उनका पुनर्वास करना चाहिए, क्षमा बड्याकर नाम की महिला ने बताया कि उन्हें जगह खाली करने का आदेश दिया गया है, लेकिन राज्य सरकार ने उन्हें उस जमीन का पट्टा दे दिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर जगह ईसीएल की है तो राज्य सरकार ने लीज कैसे दी?
क्षमा देवी ने कहा कि वे जिस जमीन पर रह रहे हैं, उस जमीन के हिस्से के मालिक हैं। इसलिए अगर उनको उस जगह से हटाना है तो ईसीएल अधिकारियों को उन्हें पुनर्वास देना होगा। वहीं दूसरी ओर ईसीएल सूत्रों के मुताबिक ईसीएल ने उन जमीनों का अधिग्रहण काफी पहले कर लिया था और बदले में जमीन देने वालों को नौकरी मिल गई थी। तो उन जमीनों पर ईसीएल का अधिकार है। उसके बाद पुनर्वास का सवाल ही नहीं उठता।