एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: बिना शिक्षक के मार्गदर्शन के विद्यार्थी सफलता की सीढ़ियां नहीं चढ़ सकते और एक अच्छा शिक्षक छात्र के जीवन को नई दिशा देता है। मध्यप्रदेश के ऐसे ही दो शिक्षक को शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।
शाजापुर के ओमप्रकाश पाटीदार और नीरज सक्सेना को ये पुरस्कार क्यों दिया जा रहा है ?
ओमप्रकाश पाटीदार क्यों दिया जा रहा राष्ट्रपति पुरस्कार : मध्यप्रदेश के छोटे से जिले शाजापुर के रहने वाले ओमप्रकाश को 5 सितंबर शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ओमप्रकाश पाटीदार 2006 से शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। अपने अब तक के कार्यकाल में वह शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह से योगदान देकर बच्चों का भविष्य संवार रहे हैं। शिक्षा में आईटीसी का प्रयोग करने, जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्य करने, बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने सहित अन्य बिंदुओं के आधार पर उनका चयन राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए हुआ है। 15 साल की नौकरी में उनके शिक्षा के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ठ प्रयासों के लिए उन्हें अब राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। इससे पहले उन्हें दो बार राज्य स्तरीय पुरस्कार भी मिल चुका है।
रायसेन के शासकीय प्राथमिक शाला सालेगढ़ के शिक्षक नीरज सक्सेना का चयन भी राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए किया गया है। आदिवासी बच्चों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए उन्होंने सराहनीय प्रयास किए हैं। उन्होंने अपने स्वयं के खर्चे से स्कूल का रंग रोगन करा इसकी सूरत बदली। जब नीरज सक्सेना ने स्कूल ज्वाइन किया था तब सिर्फ 10 बच्चे स्कूल आते थे और इस लिए बच्चों को स्कूल लाने के लिए उन्होंने कई तरह के प्रयास किए। उनकी पहल का ही परिणाम है कि आज स्कूल में बच्चों की संख्या 10 से बढ़कर 130 हो गई है। नीरज सक्सेना बारिश के दिनों में कई बार बैलगाड़ी के जरिए स्कूल पहुंचे हैं, क्योंकि कच्चा रास्ता होने के चलते वाहन से जाना संभव नहीं था।
वर्ष 2022 के लिए देश के 46 शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार दिया जा रहा है, इसमें मध्यप्रदेश के दो शिक्षक शामिल हैं। ये प्रदेश के लिए गौरव की बात है।