स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: नारी समाज का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। नारी के अंदर सहनशीलता, धैर्य, प्रेम, ममता और मधुर वाणी जैसे बहुत से गुण विद्यमान है जो कि नारी की असली शक्ति है। प्राचीन काल से ही हमारे समाज में बहुत सी महिलाएँ समय समय पर नारी शक्ति का परिचय दिया है और समाज को बताया है कि नारी अबला नहीं सबला है। इन में से एक है झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई। जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए रणभूमि में हँसते-हँसते अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। झांसी की रानी को अपना राज्य बचाने के लिए ब्रिटिश शासन से युद्ध करना पड़ा और काफी संघर्ष करना पड़ा था। 1857 को अंग्रेजो के खिलाफ पूरे देश में एक साथ मिलकर विद्रोह शुरू किया। जब ब्रिटिश सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई का आक्रोश और एकता देखी तब उन्होंने महारानी लक्ष्मीबाई को झांसी सौंप दिया था। 1858 में रानी लक्ष्मीबाई ने अपने जीवन की अंतिम लड़ाई किंग्स रॉयल आयरिश के खिलाफ लड़ी। इसके पश्चात वह बुरी तरह से घायल हो गई और कोटा के सराय के पास वीरगति को प्राप्त हो गई।