टोनी आलम, एएनएम न्यूज, जामुड़िया: बुधवार पश्चिम बंगाल आशा कर्मी यूनियन की तरफ से 9 सूत्री मांगों के समर्थन में बहादुरपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विरोध प्रदर्शन किया गया। इन आशा कर्मियों की मांग थी कि उनको सरकारी स्वीकृति प्रदान करनी होगी और उनका न्यूनतम वेतन ₹21000 करना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उनको जो किस्तों में पैसे दिए जाते हैं वह उनको मान्य नहीं है, उनका जो भी बकाया है उनको एक साथ देना होगा। इसके अलावा उन्होंने और भी कई मांगों को मीडिया के सामने रखा उन्होंने बताया कि उनका बिना किसी छुट्टी के काम करना पड़ता है। उन्होंने साल में 20 छुट्टियों की मांग की साथियों ने कहा उनको आराम करने का समय जिए बिना एक के बाद एक काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह से एक के बाद एक काम देना उनको मान्य नहीं है, दो कामों के बीच उनको आराम करने की मोहलत भी देनी होगी। इन आशा कर्मियों का कहना था कि उन्होंने कोरोना काल में काम किया लेकिन उसके लिए जो प्रति महीने हजार रुपए मिलने से वह अब तक उनको नहीं मिले हैं। उन्होंने इस पैसे के भुगतान की मांग की साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कहा गया था कि अगर कोई आशा कर्मी कोरोना से पीड़ित होती है तो उसे ₹100000 दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसका भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है, साथ ही उन्होंने किसी आशा कर्मी के कोरोना से जान गवाने पर उनके परिवार को मिलने वाले मुआवजे तथा अन्य सुविधाएं देने की भी मांग की। उनका कहना था कि फिलहाल अपनी मांगों को मनवाने के लिए वह 7 दिन के लिए हड़ताल पर हैं। अगर इनकी मांगे नहीं मानी गई तो यह अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी।