टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: गुरुवार को पांडवेश्वर में केंदा क्षेत्र के महाप्रबंधक कार्यालय के सामने जमींदाताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। कल भी इन जमींदाताओं ने इसी मांग को लेकर पांडबेश्वर के सोनपुर बाजारी महाप्रबंधक कार्यालय के सामने धरना दिया था। ज़मीन मालिकों का दावा है कि ईसीएल ने कई साल पहले उनसे इस शर्त पर जमीन का अधिग्रहण किया था कि जमीन के बदले में नौकरी दी जाएगी। ऐसे में उन्होंने अपनी जमीन ईसीएल को दे दी। लेकिन इतने साल बीत जाने के बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिली।
हालांकि जमींदाताओं ने अपनी ओर से कहा कि जिस समय उन्होंने ईसीएल को जमीन दी थी, उस समय प्रति एकड़ जमीन पर एक नौकरी की प्रथा थी। लेकिन बाद में ईसीएल के कुछ नियमों में बदलाव किया गया और इसके परिणामस्वरूप एक एकड़ के बजाय दो एकड़ पर नौकरी देनी शुरू की गईं। विरोध करने वाले जमींदाताओं में कई ऐसे भी हैं जिन्होंने एक एकड़ जमीन के बदले रोजगार की शर्त पर जमीन दी है। जमींदाताओं ने मांग की कि उन्हें उस समय की परिस्थितियों के अनुसार नौकरी दी जानी चाहिए। मालूम हो कि इसको लेकर जमीन मालिक पहले ही ईसीएल के विभिन्न कार्यालयों से संपर्क कर चुके हैं। भले ही ईसीएल कई शर्तों के तहत जमींदाताओं के रोजगार की बात करता है, लेकिन रोजगार उनके लिए छलावा जैसा है।
जमींदाताओं का दावा है कि ईसीएल अधिकारी बार-बार उनसे झूठ बोल रहे हैं। वादों के अलावा कुछ नहीं हो रहा है। जमींदाताओं की ओर से इस आंदोलन में भूमि संरक्षण समिति के सदस्य सचिनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि इस महीने पांडवेश्वर की विभिन्न खदानों में जमीन के बदले नौकरी की मांग को लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन हो चुके हैं। उस समय ईसीएल के अधिकारियों के आश्वासन के साथ धरना भी हटा लिया गया था। ईसीएल की ओर से कहा जा रहा है कि इसी महीने की 26 तारीख को ईसीएल मुख्यालय में अपनी जमीन के बदले नौकरी के मुद्दे पर चर्चा होगी। लेकिन इसी को लेकर इस महीने की 27 तारीख को सोनपुर बाजारी में विरोध प्रदर्शन किया गया। आज गुरुवार को जमींदाताओं ने केंदा क्षेत्र कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया।