एएनएम न्यूज़, ब्यूरो: एसएससी भ्रष्टाचार मामले में पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद बीते कल ममता बनर्जी ने पहली बार मुंह खोला। बंगबीभूषण की उपाधि देने के मंच पर बंगाल की सीएम ने कहा कि, "भ्रष्टाचार का समर्थन करना न तो मेरा शौक है और न ही मेरा पेशा। यदि कोई दोषी पाया जाता है तो उसे आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए। मुझे कोई आपत्ति नहीं है। जिस महिला का पैसा बरामद हुआ है उसका समूह से कोई संबंध नहीं है। क्या वह पीटर का दोस्त है? क्या मैं भगवान हूँ, मुझे पता है कि दोस्त कौन है!"
बंगाल की सीएम के इस बयान के बाद विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी ने उन पर निशाना साधा। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी गांधी प्रतिमा के नीचे बैठे एसएससी नौकरी चाहने वालों को सीपीएम और बीजेपी का कैडर बता रही हैं। उनका इस तरह अपमान नहीं किया जा सकता। इन विरोधाभासी शब्दों से ऐसा लगता है कि यह पहली बार है कि वह डरे हुए हैं। उसकी बातों से समझा जा सकता है कि वह डरा हुआ है। भ्रष्टाचार के सवाल पर जो पर्दा खुला है, वह भयानक है।