इस साल प्रदोष व्रत क्यों सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा ?

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Harmeet
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इस साल प्रदोष व्रत क्यों सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा ?

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हिंदू पंचाग में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो भक्त पूरी श्रद्धा और सच्चे मन से भगवान शिव का प्रिय प्रदोष व्रत रखता है भोलेशंकर उससे प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। भोलेशंकर उसकी जीवन को सुखमय बनाते हैं। इस साल सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी 25 जुलाई, सोमवार को पड़ रही है। इस दिन सोमवार होने के कारण इसे सोम प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाएगा। सावन में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और अधिक बढ़ गया है। इस दिन पूजा की कुल अवधि 2 घंटे 04 मिनट की है और पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर 9 बजकर 21 मिनट तक है। प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में होती है। इस बार त्रियोदशी तिथि का आरंभ 25 जुलाई, सोमवार शाम 4 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर, 26 जुलाई, मंगलवार शाम 6 बजकर 46 मिनट तक है।