टोनी आलम, एएनएम न्यूज़: जमीन के बदले नौकरी की मांग को लेकर पांडवेश्वर में ईसीएल के सोनपुर बाजार प्रोजेक्ट पर जमींदाताओं ने सोमवार को धरना दिया। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए ईसीएल द्वारा सीआईएसएफ को तैनात किया गया था। लैंड पीपल्स कमेटी के सचीनाथ चक्रवर्ती ने कहा कि ईसीएल ने 1984 में जमीन का अधिग्रहण किया था। उस समय एक एकड़ जमीन के बदले में नौकरी देने की नीति थी। उन्होंने कहा कि उसके बाद दस साल की लंबी अवधि यानी 1994 तक ईसीएल ने जमीन के बदले नौकरी देने की नीति बंद थी। दस साल बाद जब उस बाधा को हटा लिया गया, तो जमींदाताओं ने अपनी सारी जमीन के दस्तावेज पुनर्विक्रय कार्यालय को सौंप दिए।
जमींदाता मृणमय बनर्जी ने कहा कि उनकी जमीन के सभी दस्तावेज ईसीएल कार्यालय को सौंप दिए गए हैं और उन्होंने यह भी कहा कि वे बार-बार ईसीएल मुख्यालय नौकरी देने के नाम पर हीला हवाली कर रही है। वर्तमान में 212 जमींदाता नौकरी तलाश रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि ईसीएल जल्द ही उनकी नौकरियों के संबंध में सकारात्मक कदम नहीं उठाती है, तो वे पीसीएल की सोनपुर बाजार परियोजना को बंद कर देंगे। मुनमुन मंडल नाम की महिला ने बताया कि उसके पति ने नौकरी के बदले ईसीएल को जमीन दी थी, लेकिन कई साल बाद नौकरी नहीं आई। इसलिए वे अत्यधिक आर्थिक संकट में हैं।
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