कश्मीरी पंडितों की हत्या के मुद्दे पर भाजपा का विरोध

author-image
New Update
कश्मीरी पंडितों की हत्या के मुद्दे पर भाजपा का विरोध

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बिट्टा करात उर्फ ​​फारूक अहमद डार पर 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों की हत्या का आरोप लगाया गया था। एक बार फिर फाइल को फिर से चलाया गया और सतीश टिक्कू के परिवार ने फिर से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने मांग की कि "कश्मीर के कसाई" बिट्टा के खिलाफ जांच शुरू की जाए। इस बार बीजेपी इस मुद्दे पर बात कर रही है। जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा, 'यह बिट्टा कराटे कश्मीरी पंडितों के साथ-साथ घाटी में रहने वाले सिखों और देशभक्त मुसलमानों को भी निशाना बनाता है। यह पाकिस्तान के आईएसआई और पाक आतंकवादी संगठनों के निशाने पर काम करता था। तत्कालीन सरकार के आदेश पर बिट्टा के खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया गया था। सबूतों के अभाव में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। लेकिन इस आदमी ने मीडिया के सामने कबूल किया कि उसने निर्दोष कश्मीरी पंडितों को मार डाला। भाजपा के सतीश टिक्कू की हत्या भी हुई है टूट गया। उसका परिवार वापस अदालत में चला गया। बिट्टा ने कश्मीर की मिट्टी को खून किया है, उसे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।"