कैसे शुरु हुई रंगों से होली खेलने की परंपरा

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कैसे शुरु हुई रंगों से होली खेलने की परंपरा

स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्र​तीक माना जाता है। इसके अगले दिन प्रतिपदा तिथि पर रंगों और गुलाल से होली खेली जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली खेलने की ये परंपरा कैसे शुरू हुई। पौराणिक कथाओं में रंगों की होली का संबन्ध श्रीकृष्ण और राधारानी से संबन्धित बताया गया है। कहा जाता है कि श्रीकृष्ण ने ही अपने ग्वालों के साथ इस प्रथा को शुरू किया था। यही वजह है कि होली के त्योहार को आज भी ब्रज में अलग ढंग से ही मनाया जाता है। यहां लड्डू होली, फूलों की होली, लट्ठमार होली, रंगों की होली आदि कई तरह की होली खेली जाती हैं और ये कार्यक्रम होली से कुछ दिनों पहले से शुरू हो जाता है। इस बार होली का पर्व 18 मार्च को मनाया जाएगा।