स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज: भाद्रपद की अमावस्या तिथि को पोला का त्योहार मनाया जाता है। इसे पिठोरी अमावस्या, कुशग्रहणी, कुशोत्पाटिनी के नाम से भी जानते हैं। यह पर्व महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ में धूमधाम से मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु से कृष्ण अवतार लेकर जन्माष्टमी के दिन जन्म लिया था। जब इसके बारे में कंस को पता चला, तो उसने कान्हा को मारने के लिए अनेकों असुर भेजे थे। इन्हीं असुरों में से एक था पोलासुर। कान्हा ने भाद्रपद की अमावस्या तिथि के दिन पोला सुर का वध किया था। इसी कारण इस दिन पोला कहा जाने लगा। इसी कारण इस दिन बच्चों का दिन भी कहा जाता है। इस तरह मनाते है बैल पोला पर्व।