स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बैलों गांव के रहने वाले संत कुमार ने हैदराबाद जाने के बाद स्वजन से नाता तोड़ लिया। घर पर मौजूद पत्नी, दो बच्चों के साथ ही मां व छोटे भाई रामू की कोई खोज खबर नहीं ली। 13 साल तक उसने किसी से संपर्क नहीं किया। परेशान स्वजन ने खोजबीन की लेकिन कुछ पता नहीं चला। आठ साल तक इंतजार करने के बाद स्वजन ने संत काे मृत मान लिया। जिसके बाद उसकी पत्नी पत्नी देवर रामू के साथ रहने लगी। जिससे उसका तीन साल का एक बेटा है। ये सब देखकर साड़ी को फंदा बनाकर दे दी जान।