18/10/2021 12:11:05 PM Palwinder Singh 77
स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूज़: बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हमले का इतिहास कोई नया नहीं है। दुर्गापूजा के दौरान बांग्लादेश के 22 से ज्यादा जिलों से हिंसा की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बांग्लादेश में हिंदुओं के 150 से ज्यादा दुर्गा पूजा पंडाल और इस्कॉन मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया। देवी-देवताओं की मूर्तियां तोड़ दीं। हिंदुओं को मारा-पीटा गया और करीब 20 हिन्दुओ की निर्मम हत्या कर दी गयी। इस दुखद घटना का संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और आल इंडिया लीगल ऐड फोरम के राष्ट्रीय महासचिव जयदीप मुख़र्जी ने चेताया है कि बांग्लादेश सरकार से अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार करें। यदि बांग्लादेश की सत्तारूढ़ सरकार अपराधियों को गिरफ्तार करने में विफल रहती है, तो बांग्लादेश के हिंदू अपनी सुरक्षा के लिए संयुक्त राष्ट्र में याचिका दायर करेंगे।
उनका कहना है "बांग्लादेश जैसे देश के प्रधानमंत्री के पास खुफिया रिपोर्ट नहीं होगी, ऐसा नहीं हो सकता। "ग्रेट कलकत्ता किलिंग्स" के दंगे 15 अगस्त 1947 को, ढाका 20 अगस्त को और नोआखाली 10 अक्टूबर को हुए थे। दंगों की योजना अंग्रेजों ने बनाई थी और कथाकार हुसैन सुरवर्दी थे। लेकिन मौजूदा दंगों के पीछे कौन है? उसी तरह बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के थोड़े निष्क्रिय होने की बात को उनकी बॉडी लैंग्वेज देखकर समझा जा सकता है।"
अवामी लीग पार्टी और सरकार के पास बड़ी संख्या में पाकिस्तान समर्थक हैं। शक है कि पाकिस्तान की आईएसआई ने इन सभी पाक प्रेमियों के जरिए एकतरफा दंगे को अंजाम दिया। इस बीच, बांग्लादेश में उपदेश की भूमिका पर संदेह जताया जा रहा है। आज नोआखली में इस्कॉन मंदिर और रामकृष्ण मंदिर पर हमला किया गया और दो की मौत हो गई। बांग्लादेश में सताए गए हिंदू बंगालियों के लिए सहानुभूति की कोई भाषा नहीं है। जयदीप ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव को पत्र लिखकर बांग्लादेश में हुए हिन्दुओ के नरसंहार का संज्ञान लेने कि अपील कि है साथ ही उन्होंने आग्रह किया है कि वे बांग्लादेश सरकार को इस नरसंहार के खिलाफ कदम उठाने के लिए कहे।